शिव का निवास
आज भी ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अपने परिवार के साथ कैलाश पर्वत पर रहते हैं। वहां उनके साथ माता पार्वती, कार्तिकेय एवं भगवान गणेश भी रहते हैं। वे सपरिवार कैलाश पर्वत पर आज भी विराजमान हैं।
शिव का निवास
लेकिन एक और ऐसी मान्यता है जिसके अनुसार भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर की एक गुफा में रहते हैं।
यहीं रहते हैं शिव
जी हां... यह गुफा जम्मू-कश्मीर के लोगों में काफी प्रसिद्ध है और स्थानीय लोगों के अनुसार यह गुफा भगवान शिव का निवास स्थान है। इस गुफा को शिवखोड़ी के नाम से जाना जाता है।
लोगों की मान्यता
दरअसल यह गुफा नहीं, एक प्रकार की सुरंग लगती है, जिसके बारे में कहा गया है कि यह दूसरे छोर पर सीधा अमरनाथ की गुफा में जाकर खुलती है।
एक गुफा है यहाँ
जम्मू से लगभग 140 कि.मी. की दूरी पर ऊधमपुर नामक जगह पर भगवान शिव की यह चमत्कारी गुफा स्थित है। शिवखोड़ी नाम की इस गुफा के भीतर जाने की कोई भी हिम्मत नहीं करता, लेकिन इसके दर्शन करने के लिए रोजाना बड़ी तादाद में श्रद्धालु आते हैं।
रहस्यमयी गुफा
दरअसल ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस गुफा के अंदर गया है, वह आज तक वापस लौटकर नहीं आया।
अमरनाथ गुफा और शिव खोड़ी
अगर आप अमरनाथ की यात्रा पर जा रहे किसी भी श्रद्धालु से इस गुफा के बारे में पूछेंगे, तो वह इसके बारे में जरूर जानता होगा। क्योंकि अमरनाथ धाम की यात्रा करने वाले इस गुफा के दर्शन अवश्य करके जाते हैं।
अमरनाथ गुफा और शिव खोड़ी
इसके पीछे मान्यता है इस गुफा का अमरनाथ गुफा से ही संबंधित होना। कहा गया है कि गुफा का दूसरा छोर बाबा अमरनाथ जी की गुफा में जाकर ही खुलता है। लेकिन यह कितना सच है इसका पता लगाने के लिए इसके भीतर कोई नहीं जाता।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
स्थानीय लोगों का तो यह तक कहना है कि प्राचीन समय में साधु-संत इसी गुफा से होकर बाबा अमरनाथ जाते थे। लेकिन आज के इस कलियुग में ऐसा कोई महापुरुष नहीं है, जो इस गुफा में प्रवेश करने की हिम्मत रखता हो। अगर कोई जाए भी तो वह लौटकर वापस नहीं आता।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
इस गुफा की एक और खास बात है, जो इसे भी बाबा अमरनाथ गुफा की तरह चमत्कारी बनाती है। दरअसल जिस प्रकार से बाबा अमरनाथ जी की गुफा का शिवलिंग प्राकृतिक है, उसी प्रकार से इस गुफा का शिवलिंग भी अपने-आप ही बना है।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
इसे किसी ने भी बनाया नहीं है, किंतु अंतर इतना है कि यह शिवलिंग बर्फ से नहीं बना है। यह शिवलिंग चट्टान द्वारा लिए गए आकार की वजह से बना है, जिसे स्वयं भगवान शिव का आशीर्वाद मानकर लोग इसकी पूजा-अर्चना करते हैं।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
चलिए अब आपको शिव खोड़ी गुफा की अन्य रोचक बातों से अवगत कराते हैं। भगवान शिव का निवास कही जाने वाली शिव खोड़ी गुफा 3 मीटर ऊंची और 200 मीटर लंबी है। यह गुफा 1 मीटर चौड़ी और 2 से 3 मीटर ऊंची भी है।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
इसके अलावा इस गुफा में कई प्राकृतिक चीजें हैं जैसे नंदी की मूर्ति, पार्वती की मूर्ति आदि। सबसे हैरत की बात है कि इस गुफा की छत पर सांप की आकृति भी बनी हुई है, जो अपने आप ही यहां बनी है।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
इस पवित्र गुफा से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी यहां के स्थानीय लोगों के बीच काफी प्रचलित है। जिसके अनुसार इस गुफा को स्वयं भगवान शंकर ने बनाया था।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
कथा के अनुसार भस्मासुर ने तप कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था। तब भस्मासुर ने शिव से यह वर पाया कि वह जिसके भी सिर पर हाथ रखे, वह भस्म हो जाए।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
शिव जी ने उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसे वरदान तो दे दिया, लेकिन वे भस्मासुर की अगली मंशा से अवगत नहीं थे। वर मिलते ही भस्मासुर भगवान शिव पर ही हाथ रखकर उन्हें भस्म करना चाहता था।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
इस दौरान भगवान शंकर और भस्मासुर में भीषण युद्ध हुआ। युद्ध के बाद भी भस्मासुर ने हार नहीं मानी। तब भगवान शंकर वहां से निकलकर ऊंची पहाड़ी पर पहुंचे और एक गुफा बनाकर उसमें छि पे।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
माना जाता है कि शिव खोड़ी की यह गुफा वही गुफा है जहां आकर भगवान शिव छिपे थे। उनके छिप जाने के बाद भगवान विष्णु वहां सुंदर स्त्री का रूप लेकर आए, जिसे देख भस्मासुर मोहित हो गया।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
सुंदरी रूप में विष्णु के साथ नृत्य के दौरान भस्मासुर शिव का वर भूल गया और अपने ही सिर पर हाथ रख कर भस्म हो गया।
शिवखोड़ी गुफा का रहस्य
शिव खोड़ी की इस पवित्र गुफा में रोजाना हजारों श्रद्धालु मन्नत मांगने आते हैं। कहा जाता है कि जो भी सच्चे दिल से, बिना मन में कपट रखे यहां आकर मन्नत मांगता है, भगवान शिव उसे अवश्य वरदान देते हैं।
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