गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसी स्त्रियों के पति होते हैं भाग्यशाली
गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसी स्त्रियों के पति होते हैं भाग्यशाली
हिंदू धर्म में पत्नी को पति की अर्धांगिनी कहा जाता है जिसका अर्थ है कि पत्नी पति के शरीर का आधा अंग होती है। महाभारत में भीष्म पितामह ने कहा था कि पत्नी को सदैव प्रसन्न और खुश रखना चाहिए क्योंकि उसी से ही हमारे वंश कि वृद्धि होनी है। गरुड़ पुराण में भी पत्नियों के कुछ विशेष गुणों के बारे में बताया गया है जिसके अनुसार जिस व्यक्ति की पत्नी में यह गुण हो तो उसे अपने आप को दुनिया का सबसे भाग्यशाली और सौभाग्यशाली समझना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार जो पत्नी निम्न गुणों में संपन्न हो जैसे गृहकार्य में दक्ष। अगर आपकी पत्नी है गृहकार्य अर्थात घर के काम जैसे भोजन बनाना,घर की साफ सफाई रखना,बच्चों की जिम्मेदारी को संभालना और अतिथियों का मान सम्मान रखना इन सब गुणों से अगर संपन्न है तो वह पति बहुत भाग्यशाली माना जाएगा।
गरुड़ पुराण के अनुसार प्रिय वादिनी अर्थात मीठा बोलने वाली पत्नी को अपने पति से सदैव संयमित भाषा में बात करनी चाहिए। संयमित भाषा अर्थात प्रेमपूर्वक। पत्नी द्वारा इस प्रकार से बात करने पर पति भी उसकी बात को ध्यान से सुनेगा और उसकी इच्छाओं की पूर्ति करेगा। पति के अलावा पत्नी को घर में अन्य सदस्य जैसे सास, ससुर, देवर ,जेठानी और ननन सभी से ही प्रेमपूर्वक बर्ताव करना चाहिए। अगर ऐसे बर्ताव वाली पत्नी है तो वह पति बहुत भाग्यशाली है।
तीसरी है पतिव्रता अर्थात पति की हर बात मानने वाली। जो पत्नी अपने पति को ही सर्वस्य मानती है और सदैव उसी के आदेश का पालन करती है तो वह पति अत्यंत भाग्यशाली माना जाएगा और धर्म ग्रंथों के हिसाब से उसे पतिव्रता स्त्री कहा जाता है।
चौथा है धर्म का पालन करने वाली। एक पत्नी का सबसे पहले यही धर्म होता है कि वह अपने पति और परिवार के हित के बारे में सोचे और ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे पति या परिवार का कोई अहित हो। गरुड़ पुराण के अनुसार जो पत्नी प्रतिदिन स्नान कर पति के लिए ही सजती संवरती है और पति के लिए ही बोलती है, घर के सभी मंगल कार्यों को करती है और निरंतर अपने धर्म का पालन करती है वह पतिव्रता है और धर्म का पालन करने वाली है ऐसी ही पत्नी से वह पति भाग्यशाली माना जाएगा।
तो ये 4 गुणों वाली पत्नी जिस पति के पास है वह अत्यंत भाग्यशाली माना जाता है।
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