क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल ।
शनि को तेल अर्पित करते समय ध्यान रखें ये बात;
शनि देव की प्रतिमा को तेल चढ़ाने से पहले तेल में अपना चेहरा अवश्य देखें। ऐसा करने पर शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। धन संबंधी कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
शनि पर तेल चढ़ाने से जुड़ी वैज्ञानिक मान्यता ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे शरीर के सभी अंगों में अलग-अलग ग्रहों का वास होता है। यानी अलग-अलग अंगों के कारक ग्रह अलग-अलग हैं। शनिदेव त्वचा, दांत, कान, हड्डियां और घुटनों के कारक ग्रह हैं। यदि कुंडली में शनि अशुभ हो तो इन अंगों से संबंधित परेशानियां व्यक्ति को झेलना पड़ती हैं। इन अंगों की विशेष देखभाल के लिए हर शनिवार तेल मालिश की जानी चाहिए।
शनि को तेल अर्पित करने का यही अर्थ है कि हम शनि से संबंधित अंगों पर भी तेल लगाएं, ताकि इन अंगों को पीड़ाओं से बचाया जा सके। मालिश करने के लिए सरसो के तेल का उपयोग करना श्रेष्ठ रहता है।
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