दुर्गा के लिए नौ दिन प्रसाद में बनाएं ये व्यंजन
दुर्गा के लिए नौ दिन प्रसाद में बनाएं ये व्यंजन
नवरात्रि के अर्थ के अनुसार नौ रातों के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि पूजा-अर्चना के दौरान मां के नौ अलग-अलग रूपों को महत्तव के अनुसार अलग-अलग प्रसाद अर्पित किया जाता है। तो हम आपको बताएंगे कि नौ दिन मां के नौ रूपों को प्रसाद लगाने के लिए क्या बनाया जाता है।
1. शैलपुत्री
पहले नवरात्रि के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैल का अर्थ है शिखर। हिमालय की बेटी होने के कारण मां दुर्गा को शैलपुत्री नाम मिला। नवरात्रि के दौरान मां शैलपुत्री के चरणों में शुद्ध घी चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से मां भक्तों को सभी रोगों से मुक्त का देतीं हैं। तो मां शैलपुत्री को आप शुद्ध देसी घी में बनागाजर का हल्वा अर्पित कर सकते हैं।
पहले नवरात्रि के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैल का अर्थ है शिखर। हिमालय की बेटी होने के कारण मां दुर्गा को शैलपुत्री नाम मिला। नवरात्रि के दौरान मां शैलपुत्री के चरणों में शुद्ध घी चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से मां भक्तों को सभी रोगों से मुक्त का देतीं हैं। तो मां शैलपुत्री को आप शुद्ध देसी घी में बनागाजर का हल्वा अर्पित कर सकते हैं।
2. ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। कहते हैं कि भगवान शिव को पाने के लिए मां पार्वती ने ध्यान लगाया था, जिसकी वजह से उन्हें ब्रह्मचारिणी रूप मिला। मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। कहते हैं कि भगवान शिव को पाने के लिए मां पार्वती ने ध्यान लगाया था, जिसकी वजह से उन्हें ब्रह्मचारिणी रूप मिला। मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।
3. चन्द्रघंटा
तीसरे नवरात्रि के दिन मां चन्द्रघंटा की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के इस अवतार के माथे पर आधा चंद्रमा बना होता है। मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजे जैसे खीर का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें। ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।
तीसरे नवरात्रि के दिन मां चन्द्रघंटा की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के इस अवतार के माथे पर आधा चंद्रमा बना होता है। मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजे जैसे खीर का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें। ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।
4. कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। कु का अर्थ होता है छोटा, इश का मतलब ऊर्जा और अंडा यानि ब्रह्मांडीय गोला। तो कूष्मांडा का अर्थ हुआ सृष्टि या ऊर्जा का छोटे से वृहद ब्रह्मांडीय गोला। इस दिन मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं और किसी ब्राह्मण को दान कर दें। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी।
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। कु का अर्थ होता है छोटा, इश का मतलब ऊर्जा और अंडा यानि ब्रह्मांडीय गोला। तो कूष्मांडा का अर्थ हुआ सृष्टि या ऊर्जा का छोटे से वृहद ब्रह्मांडीय गोला। इस दिन मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं और किसी ब्राह्मण को दान कर दें। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी।
5. स्कंदमाता
पांचवें नवरात्रि के दिन मां स्कंदमाता को पूजा जाता है। इस दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है। आप चाहें तो केले के हल्वे का भोग लगा सकते हैं।
पांचवें नवरात्रि के दिन मां स्कंदमाता को पूजा जाता है। इस दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है। आप चाहें तो केले के हल्वे का भोग लगा सकते हैं।
6. कात्यायनी
नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी देवी के पूजन में शहद का होना अच्छा माना गया है। इसीलिए मां को प्रसाद लगाते मधु यानि शहद का प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रभाव से साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है।
नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी देवी के पूजन में शहद का होना अच्छा माना गया है। इसीलिए मां को प्रसाद लगाते मधु यानि शहद का प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रभाव से साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है।
7. कालरात्रि
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड़ के लड्डू का प्रसाद अर्पित कर ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है।
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड़ के लड्डू का प्रसाद अर्पित कर ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है।
8. महागौरी
अष्टमी के दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं। आप चाहें तो नारियल की बर्फी का भी प्रसाद लगा सकते हैं। ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
अष्टमी के दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं। आप चाहें तो नारियल की बर्फी का भी प्रसाद लगा सकते हैं। ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
9. सिद्धिदात्री
नौवें दिन मां सिद्धिदात्री को हल्वा, चना-पूरी, खीर का भोग लगाकर छोटी कुंवारी लड़कियों को दे देना चाहिए। इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है
नौवें दिन मां सिद्धिदात्री को हल्वा, चना-पूरी, खीर का भोग लगाकर छोटी कुंवारी लड़कियों को दे देना चाहिए। इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है
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