रामायण: मृत्यु से पहले बालि की अगंद को बताई ये 3 बातें कलियुग में सटीक बैठती हैं
रामायण: मृत्यु से पहले बालि की अगंद को बताई ये 3 बातें कलियुग में सटीक बैठती हैं
रामायण में ऐसी कई कहानियां मिलती हैं, जिनके बारे में शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे। रामायण को राम और रावण के युद्ध के रूप में देखा जाता है, लेकिन रामायण की मुख्य कहानी के अलावा भी इसमें कई घटनाएं हैं, जिनका उल्लेख नहीं किया जाता।
ऐसी ही एक कहानी है बालि की मृत्यु के समय दिए हुए ज्ञान की। जब श्रीराम ने सुग्रीव को बचाने के लिए बालि का वध कर दिया था। मरने से पहले बालि ने अपने पुत्र अंगद को कुछ बातें बताई थीं, जो आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती हैं।
देश और परिस्थियों को समझकर फैसला लेना
बालि ने अपने पुत्र अंगद से कहा कि हमेशा देश और वहां की परिस्थितियां देखकर ही फैसला लेना चाहिए। कभी भी किसी अन्य देश में घटित होने वाले नतीजों और फैसलों को देखकर व अपने देश की स्थिति और अन्य कारक जाने बिना फैसला नहीं लेना चाहिए।
बालि ने अपने पुत्र अंगद से कहा कि हमेशा देश और वहां की परिस्थितियां देखकर ही फैसला लेना चाहिए। कभी भी किसी अन्य देश में घटित होने वाले नतीजों और फैसलों को देखकर व अपने देश की स्थिति और अन्य कारक जाने बिना फैसला नहीं लेना चाहिए।
किसके साथ कैसा व्यवहार करें
हमें कभी भी ऐसा निश्चित नहीं करना चाहिए कि हम अपना व्यवहार सभी के साथ एक जैसा रखेंगे। इससे समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। जैसे, कोमल स्वभाव वाले व्यक्तियों के साथ स्वभाव में कोमलता रखनी चाहिए, जबकि कटु स्वभाव वाले लोगों के साथ उनके जैसा ही व्यवहार करना चाहिए।
हमें कभी भी ऐसा निश्चित नहीं करना चाहिए कि हम अपना व्यवहार सभी के साथ एक जैसा रखेंगे। इससे समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। जैसे, कोमल स्वभाव वाले व्यक्तियों के साथ स्वभाव में कोमलता रखनी चाहिए, जबकि कटु स्वभाव वाले लोगों के साथ उनके जैसा ही व्यवहार करना चाहिए।
पसंद-नापसंद, सुख-दुख को सहन करते हुए क्षमा भाव रखें
कभी-कभी ऐसा होता है कि हमें बहुत-सी चीजें पसंद नहीं होती और हम दुखी होकर जीवन का आनंद नहीं ले पाते। जबकि जीवन में हमेशा बदलाव होता रहता है और यह अनिवार्य भी है। दुख भोगकर जब जीवन में सुख का आगमन हो, तो हमें सभी को क्षमा करके जीवन का आनंद लेना चाहिए।
कभी-कभी ऐसा होता है कि हमें बहुत-सी चीजें पसंद नहीं होती और हम दुखी होकर जीवन का आनंद नहीं ले पाते। जबकि जीवन में हमेशा बदलाव होता रहता है और यह अनिवार्य भी है। दुख भोगकर जब जीवन में सुख का आगमन हो, तो हमें सभी को क्षमा करके जीवन का आनंद लेना चाहिए।
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