ये हैं ,तिरुपति मंदिर की रहस्य-मयी बातें :-
ये हैं ,तिरुपति मंदिर की रहस्य-मयी बातें :-
आंध्र प्रदेश में स्थित तिरूपति बालाजी मंदिर, भगवान का वो मंदिर है। जहां साक्षात् भगवान रहते हैं।
इस मंदिर में देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के भक्त भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। तिरूपति बालाजी को तिरूमाला वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
तिरुमाला पहा़ड़ियों की सावतीं चोटी पर मौजूद यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है।
यहां वर्तमान में तिरुपति बालाजी की मूर्ति की आंखें, कपूर के तिल से ढंकी हुई है। इस स्थान का आनंद निलय दिव्य विमान कहा जाता है।
दरअसल, आनंद निलय दिव्य विमान वह स्थान है जहां तिरूपति बालाजी के विग्रह पर पचाई कर्पूरम चढ़ाने की परंपरा है। यह कपूर से मिलकर बना एक विशेष आलेप है।
मान्यता है ,कि यदि इस आलेप को किसी साधारण पत्थर पर अर्पित किया जाते तो वह पत्थर कुछ देर बाद चटक जाता है, लेकिन भगवान की मूर्ति पर लेप करने पर आज तक कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
परंपरा के अनुसार, प्रत्येक गुरुवार को भगवान तिरूपति बालाजी की विग्रह को सफेद चंदन से आलेपित किया जाता है।
कहते हैं, जब इस लेप को हटाया जाता है ! तो विग्रह में देवी लक्ष्मी के चिन्ह बने हुए मिलते हैं।
तो वहीं, तिरूपति मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति के पर लगे हुए बाल उन के वास्तविक बाल हैं। आश्चर्यजनक यह है कि ये बाल हमेशा मुलायम, सुलझे हुए और चमकदार रहते हैं।
इस मंदिर की एक आश्चर्यजनक बात है ,कि तिरूपति बालाजी के विग्रह के पिछले हिस्से में हमेशा नमी बनी रहती है।
लोगों का मानना है ,कि इस विग्रह के पीछे से ध्यान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की आवाज आती है। ऐसा क्यों होता है, यह आज-तक पता नहीं चला है।
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