पालन-कर्ता विष्णु

हिन्दू धर्म के अनुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है। त्रिमूर्ति के अन्य दो भगवान शिव और ब्रह्मा को माना जाता है। जहाँ ब्रह्मा को विश्व का सृजन करने वाला माना जाता है वहीं शिव को संहारक माना गया है।
विष्णु की पत्नी लक्ष्मी हैं। विष्णु का निवास क्षीर सागर है। उनका शयन सांप के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित है।

वह अपने नीचे वाले बाएं हाथ में पद्म (कमल) , अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा (कौमोदकी) ,ऊपर वाले बाएं हाथ में शंख (पांच्यजन्य), और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र(सुदर्शन) धारण करते हैं।
विष्णु के दस मुख्य अवतार मान्यता प्राप्त हैं। यह निम्न हैं:
  1. मत्स्य अवतार : मत्स्य (मछ्ली) के अवतार में भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।
  1. कूर्म अवतार : कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्रमंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था। इस प्रकार भगवान विष्णु, मंदर पर्वत और वासुकि नामक सर्प की सहायता से देवों एंव असुरों ने समुद्र मंथन करके चौदह रत्नोंकी प्राप्ती की।
  1. मोहिनी अवतार : कूर्म के अवतार के समय भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप भी धारण किया था।
  1. वराहावतार : वराह के अवतार में भगवान विष्णु ने महासागर में जाकर भूमि देवी कि रक्षा की थी, जो महासागर की तह में पँहुच गयीं थीं। एक मान्यता के अनुसार इस रूप में भगवान ने हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध भी किया था।
  1. नरसिंहावतार : नरसिंह रूप में भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी और उसकेपिता हिरण्यकश्यप का वध किया था। इस अवतार से भगवान के निर्गुण होने की विद्या प्राप्त होती है।
  1. वामन् अवतार : इसमें विष्णु जी वामन् (बौने) के रूप में प्रकट हुए। भक्त प्रह्लादके पौत्र, असुरराज राज बलि से देवतओं की रक्षा के लिए भगवान ने वामन अवतार धारण किया।
  1. परशुराम अवतार: इसमें विष्णु जी ने परशुराम के रूप में असुरों का संहार किया।
  1. राम अवतार: राम ने रावण का वध किया जो रामायण में वर्णित है।
  1. कृष्णावतार : श्रीकृष्ण ने देवकी और वसुदेव के घर जन्म लिया था। उनका लालन पालन यशोदा और नंद ने किया था। इस अवतार का विस्तृत वर्णन श्रीमद्भागवत पुराण में मिलता है। इस अवतार में विष्णु ने अपना विराट स्वरूप/विश्वरूप धारण किया था।
  1. कल्कि अवतार: इसमें विष्णुजी भविष्य में कलियुग के अंत में आयेंगे।A

No comments

Powered by Blogger.