कैसे हुई कांवड़ परंपरा की शुरुआत
कैसे हुई कांवड़ परंपरा की शुरुआत ॐ नमः शिवाय... कांवड़_लाने_की_परंपरा आपने #भगवान_शिवजी के परम प्रिय मास श्रावण में भक्तो को अपने कंधे प...
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कैसे हुई कांवड़ परंपरा की शुरुआत ॐ नमः शिवाय... कांवड़_लाने_की_परंपरा आपने #भगवान_शिवजी के परम प्रिय मास श्रावण में भक्तो को अपने कंधे प...
वैष्णो देवी उत्तरी भारत के सबसे पूजनीय और पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर पहाड़ पर स्थित होने के कारण अपनी भव्यता व सुंदरता के कारण भी...
किसी भी मंदिर में या हमारे घर में जब भी पूजन कर्म होते हैं तो वहां कुछ मंत्रों का जप अनिवार्य रूप से किया जाता है, सभी देवी-देवताओं के मंत्...
काली माता मंदिर, कालका (पंचकूला), हरियाणा इतिहास युग में महिषासूर, शुम्भ- निशुम्भ, रक्तबीज, चण्ड- मुण्ड आदि असुरो का उवद्रव बहुत बढ़ गया था ...
राजा प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में माता जगदम्बिका ने सती के रूप में जन्म लिया था और भगवान शिव से विवाह किया। एक बार मुनियों का एक समूह ...
100 से भी ज्यादा सीढिय़ां चढ़ कर माता की पिंडियों के दर्शन करने हों तो चंडीगढ़ के जयंती माजरी गांव में माता जयंती देवी के मंदिर जाया जा सकता...
माता चंडी का यह मंदिर 5000 साल से भी पुराना मंदिर है! यहाँ माता चंडी जी महिषासुर का संहार कर के उनके ऊपर खड़ी है ! कहा जाता है की एक साधु जं...
नैना देवी या नयना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। यह भी मां शक्ति का एक सिद्ध पीठ है जो शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियो ...
हम सब जानते है देवतओं और दानवो ने सागर मंथन किया जिसमे अच्छी और बुरी दोनों चीजे निकली। उसी मंथन में हलाहल नाम का विष भी निकला और उस से समस्...