क्या सिद्धियां यूँ ही मिलती है?
आजकल टी वी चैनल पर या अखबार में या विज्ञापनों में देखने को मिलता है अपनी राशि के अनुसार सिद्ध यन्त्र प्राप्त करे मात्र 2100/- में या 3100/- रुपये में ।
किसी भी यंत्र मंत्र या तन्त्र को सिद्ध करने में साधक की समस्त मानसिक तथा शरीरिकशक्ति का व्यय होता है । यंत्रो को सिद्ध करने में सवा लाख जप दशांश हवन, मार्जन तथा ब्राह्मण भोजन करवाया जाता है । उसी के बाद उस प्रयुक्त यन्त्र की सिद्धि होती है ।
मुझे समझ मे नही आता कि मात्र 3100/-रुपये के खर्च में ये कैसे संभव हो जाता है ?
आप बस एक काल करे और ये 24 घण्टे के अंदर आपके यन्त्र के साथ प्रस्तुत हो जायेगे।
इतनी शीघ्रता के साथ कोई इतना कर्म कैसे कर सकता है?
शायद ये लोग कालजयी होते होंगे।
बहुत ही गंभीर चिंतनीय विषय है कि ये कोई व्यापार थोड़े ही है । लोगो की भावनाएं तथा अपेक्षयाये जुड़ी होती है इन सब चीज़ों से ।
मेरा निवेदन है कि भ्रामक प्रचार न करे क्योंकि कन्जयूमर कोर्ट में इसकी सुनवाईनहीँ होती पर ईश्वर के कोर्ट में तो होती है ।
किसी की भावनाओ को ठेस पहुची हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ ।
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