Load Shiva, Bhagwan Shiv, भगवान शिव

                                                                              अनंत, अनादि, अनीश्वर, देवों के देव महादेव को क्या नाम से पुकारु ? इस अजर, अमर, अविनाशी के जितने नामों से मैं परिचय कर पाया; आपका भी परिचय करवाना चाहता हूँ



1. शिव – कल्याण स्वरूप 


2. महेश्वर – माया के अधीश्वर 


3. शम्भू – आनंद स्स्वरूप वाले 


4. पिनाकी – पिनाक धनुष धारण करने वाले 


5. शशिशेखर – सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले 


6. वामदेव – अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले 


7. विरूपाक्ष – भौंडी आँख वाले 


8. कपर्दी – जटाजूट धारण करने वाले 


9. नीललोहित – नीले और लाल रंग वाले 


10. शंकर – सबका कल्याण करने वाले 


11. शूलपाणी – हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले 


12. खटवांगी – खटिया का एक पाया रखने वाले 


13. विष्णुवल्लभ – भगवान विष्णु के अतिप्रेमी 


14. शिपिविष्ट – सितुहा में प्रवेश करने वाले 


15. अंबिकानाथ – भगवति के पति 


16. श्रीकण्ठ – सुंदर कण्ठ वाले 


17. भक्तवत्सल – भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले 


18. भव – संसार के रूप में प्रकट होने वाले 


19. शर्व – कष्टों को नष्ट करने वाले 


20. त्रिलोकेश – तीनों लोकों के स्वामी 


21. शितिकण्ठ – सफेद कण्ठ वाले 


22. शिवाप्रिय – पार्वती के प्रिय 


23. उग्र – अत्यंत उग्र रूप वाले 


24. कपाली – कपाल धारण करने वाले 


25. कामारी – कामदेव के शत्रु 


26. अंधकारसुरसूदन – अंधक दैत्य को मारने वाले 


27. गंगाधर – गंगा जी को धारण करने वाले 


28. ललाटाक्ष – ललाट में आँख वाले 


29. कालकाल – काल के भी काल 


30. कृपानिधि – करूणा की खान 


31. भीम – भयंकर रूप वाले 


32. परशुहस्त – हाथ में फरसा धारण करने वाले 


33. मृगपाणी – हाथ में हिरण धारण करने वाले 


34. जटाधर – जटा रखने वाले 


35. कैलाशवासी – कैलाश के निवासी 


36. कवची – कवच धारण करने वाले 


37. कठोर – अत्यन्त मजबूत देह वाले 


38. त्रिपुरांतक – त्रिपुरासुर को मारने वाले 


39. वृषांक – बैल के चिह्न वाली झंडा वाले 


40. वृषभारूढ़ – बैल की सवारी वाले 


41. भस्मोद्धूलितविग्रह – सारे शरीर में भस्म लगाने वाले 


42. सामप्रिय – सामगान से प्रेम करने वाले 


43. स्वरमयी – सातों स्वरों में निवास करने वाले 


44. त्रयीमूर्ति – वेदरूपी विग्रह करने वाले 


45. अनीश्वर – जिसका और कोई मालिक नहीं है 


46. सर्वज्ञ – सब कुछ जानने वाले 


47. परमात्मा – सबका अपना आपा 


48. सोमसूर्याग्निलोचन – चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आँख वाले 


49. हवि – आहूति रूपी द्रव्य वाले 


50. यज्ञमय – यज्ञस्वरूप वाले 


51. सोम – उमा के सहित रूप वाले 


52. पंचवक्त्र – पांच मुख वाले 


53. सदाशिव – नित्य कल्याण रूप वाले 


54. विश्वेश्वर – सारे विश्व के ईश्वर 


55. वीरभद्र – बहादुर होते हुए भी शांत रूप वाले 


56. गणनाथ – गणों के स्वामी 


57. प्रजापति – प्रजाओं का पालन करने वाले 


58. हिरण्यरेता – स्वर्ण तेज वाले 


59. दुर्धुर्ष – किसी से नहीं दबने वाले 


60. गिरीश – पहाड़ों के मालिक 


61. गिरिश – कैलाश पर्वत पर सोने वाले 


62. अनघ – पापरहित 


63. भुजंगभूषण – साँप के आभूषण वाले 


64. भर्ग – पापों को भूंज देने वाले 


65. गिरिधन्वा – मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले 


66. गिरिप्रिय – पर्वत प्रेमी 


67. कृत्तिवासा – गजचर्म पहनने वाले 


68. पुराराति – पुरों का नाश करने वाले 


69. भगवान् – सर्वसमर्थ षड्ऐश्वर्य संपन्न 


70. प्रमथाधिप – प्रमथगणों के अधिपति 


71. मृत्युंजय – मृत्यु को जीतने वाले 


72. सूक्ष्मतनु – सूक्ष्म शरीर वाले 


73. जगद्व्यापी – जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले 


74. जगद्गुरू – जगत् के गुरू 


75. व्योमकेश – आकाश रूपी बाल वाले 


76. महासेनजनक – कार्तिकेय के पिता 


77. चारुविक्रम – सुन्दर पराक्रम वाले 


78. रूद्र – भक्तों के दुख देखकर रोने वाले 


79. भूतपति – भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी 


80. स्थाणु – स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले 


81. अहिर्बुध्न्य – कुण्डलिनी को धारण करने वाले 


82. दिगम्बर – नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले 


83. अष्टमूर्ति – आठ रूप वाले 


84. अनेकात्मा – अनेक रूप धारण करने वाले 


85. सात्त्विक – सत्व गुण वाले 


86. शुद्धविग्रह – शुद्धमूर्ति वाले 


87. शाश्वत – नित्य रहने वाले 


88. खण्डपरशु – टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले 


89. अज – जन्म रहित 


90. पाशविमोचन – बंधन से छुड़ाने वाले 


91. मृड – सुखस्वरूप वाले 


92. पशुपति – पशुओं के मालिक 


93. देव – स्वयं प्रकाश रूप 


94. महादेव – देवों के भी देव 


95. अव्यय – खर्च होने पर भी न घटने वाले 


96. हरि – विष्णुस्वरूप 


97. पूषदन्तभित् – पूषा के दांत उखाड़ने वाले 


98. अव्यग्र – कभी भी व्यथित न होने वाले 


99. दक्षाध्वरहर – दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले 


100. हर – पापों व तापों को हरने वाले 


101. भगनेत्रभिद् – भग देवता की आंख फोड़ने वाले 


102. अव्यक्त – इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले 


103. सहस्राक्ष – अनंत आँख वाले 


104. सहस्रपाद – अनंत पैर वाले 


105. अपवर्गप्रद – कैवल्य मोक्ष देने वाले 


106. अनंत – देशकालवस्तुरूपी परिछेद से रहित 


107. तारक – सबको तारने वाला 


108. परमेश्वर – सबसे परे ईश्वर

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