आज का गुडलक: बुध प्रदोष पर्व पर शिव शंकर देंगे मुंह मांगा वरदान
Shiv Shankar will give a boon for Mercury Pradosh festival |
आज बुधवार दि॰ 15.11.17 मार्गशीर्ष कृष्ण के त्रयोदशी के उपलक्ष्य में बुध प्रदोष पर्व मनाया जाएगा। हर माह के
कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि परमेश्वर शिव को समर्पित है। त्रयोदशी तिथि सभी प्रकार के दोषों का नाश करती है इसी कारण इसे प्रदोष कहते हैं। सर्वप्रथम प्रदोष का ज्ञान भगवान शंकर ने देवी सती को बताया था। महर्षि वेदव्यास ने महर्षि सूत को बताया तथा गंगा तट पर महर्षि सूतजी ने सौनकादि ऋषियों को प्रदोष का ज्ञान दिया था। सूर्यास्त के बाद रात्रि के आने से पूर्व का समय प्रदोष काल कहलता है। मान्यतानुसार प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं। प्रदोष का पूजन वार के अनुसार करने का शास्त्रों में विधान बताया गया है। बुधवार प्रदोष के व्रत पूजन और उपाय से सभी प्रकार की कामना सिद्ध होती है। महर्षि सूत अनुसार बुध प्रदोष व्रत करने से भगवान शंकर से मुंह मांगा फल पाया जा सकता है। पराक्रम में वृद्धि होती है, तथा कार्यों में आ रही अड़चने दूर होती है।
कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि परमेश्वर शिव को समर्पित है। त्रयोदशी तिथि सभी प्रकार के दोषों का नाश करती है इसी कारण इसे प्रदोष कहते हैं। सर्वप्रथम प्रदोष का ज्ञान भगवान शंकर ने देवी सती को बताया था। महर्षि वेदव्यास ने महर्षि सूत को बताया तथा गंगा तट पर महर्षि सूतजी ने सौनकादि ऋषियों को प्रदोष का ज्ञान दिया था। सूर्यास्त के बाद रात्रि के आने से पूर्व का समय प्रदोष काल कहलता है। मान्यतानुसार प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं। प्रदोष का पूजन वार के अनुसार करने का शास्त्रों में विधान बताया गया है। बुधवार प्रदोष के व्रत पूजन और उपाय से सभी प्रकार की कामना सिद्ध होती है। महर्षि सूत अनुसार बुध प्रदोष व्रत करने से भगवान शंकर से मुंह मांगा फल पाया जा सकता है। पराक्रम में वृद्धि होती है, तथा कार्यों में आ रही अड़चने दूर होती है।
विशेष पूजन विधि: शिवालय शिवलिंग का विधिवत पूजन करें। गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, बिल्वपत्र चढ़ाएं, दूर्वा चढ़ाएं। पिस्ता की बर्फी का भोग लगाएं, इलायची व मिश्री चढ़ाएं तथा रुद्राक्ष की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें।
पूजन मुहूर्त: शाम 17:25 से शाम 19:20 तक। (प्रदोष)
पूजन मंत्र: ब्रीं बलवीराय नमः शिवाय ब्रीं॥
आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त: बुधवार पर अभिजीत नहीं होता है।
आज का अमृत काल: प्रातः 07:29 से प्रातः 09:09 तक।
आज का राहु काल: दिन 12:04 से दिन 13:25 तक।
आज का गुलिक काल: प्रातः 10:46 से दिन 12:05 तक।
आज का यमगंड काल: प्रातः 08:07 से प्रातः 09:26 तक।
यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल उत्तर व राहुकाल वास दक्षिण-पश्चिम में है। अतः उत्तर व दक्षिण-पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।
आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर: पिस्ता।
आज का गुडलक दिशा: पूर्व।
आज का गुडलक मंत्र: ॐ बुं बाणहस्ताय नमः॥
आज का गुडलक टाइम: दिन 14:00 से शाम 15:00 तक।
आज का बर्थडे गुडलक: पराक्रम में वृद्धि हेतु शिवलिंग पर चढ़े सूखे धनिए को कर्पूर से जलाएं।
आज का एनिवर्सरी गुडलक: सर्व कामना सिद्दी हेतु शिवलिंग पर चढ़ी इलायची किचन में रहें।
गुडलक महागुरु का महा टोटका: अड़चने दूर करने हेतु शिवलिंग पर मिश्री के जल से अभिषेक करें।
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