धार राजगढ़ के फूलगांवड़ी गांव इसलिए खास है क्योंकि यहां गायों के लिए हर परिवार से प्रतिदिन एक-एक रोटी आती है।

 गाय राजनैतिक कारणों से ज्यादा सुर्खियों में रहती है, लेकिन आज हम आपको मध्यप्रदेश के एक ऐसे गांव के बारे में बताते हैं जो गौसेवा के लिए पहचाना जाता है। धार राजगढ़ के फूलगांवड़ी गांव इसलिए खास है क्योंकि यहां गायों के लिए हर परिवार से प्रतिदिन एक-एक रोटी आती है। साथ ही गांव की महिलाएं गायों की सेवा के लिए हर दिन 1-1 रूपया जोड़ती हैं।
गाय आज राजनैतिक मुद्दा है, लेकिन विवादों से अलग धार के पास ग्राम फूलगांवड़ी में गाय आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। गांव में श्रीकृष्ण गोवर्धन गौशाला है जहां 110 गायों का पालन-पोषण किया जाता है।
इन गायों के लिए गांव के करीब 300 परिवारों से इतनी ही रोटियां आती है यानि हर परिवार से एक-एक रोटी आती है। हर घर से रोटी इकट्ठा करने का काम गांव के लोग बारी-बारी से करते हैं। इससे गौशाला की गायों को लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था हो जाती है।
इसके अलावा पिछले कुछ महीनों से गांव की महिलाएं गाय की सेवा के लिए हर दिन एक-एक रूपया जमा कर गौशाला में जमा कराया जा रहा है।
फिलहाल गांव सभी के लिए मिसाल बन रहा है खासतौर से उन लोगों के लिए जो गाय को लेकर सिर्फ राजनीति करते हैं।
10 महिलाओं ने की थी पहल
गौशाला अध्यक्ष बाबूलाल ओतवाल ने बताया कि गाय के लिए रोटी इकट्ठा करने की पहल सभी ग्रामीणों ने मिलकर की थी। वहीं गायों की सेवा और भरण-पोषण के लिए एक-एक रूपये जमा करने की शुरुआत गांव की 10 महिलाओं ने की थी। दो महीने में ही महिलाओंं की संख्या 60 से ज्यादा हो गई है।
ये महिलाएं स्थानीय मंदिर में एकत्रित होकर गौशाला के लिए राशि जुटाती हैं। महिलाओं को देखते हुए अब पुरूषों ने भी हर दिन एक-एक रूपया देने की पहल शुरू की है।
ये विकास कार्य होंगे
अध्यक्ष के मुताबिक गायों के मलमूत्र व गोबर का उपयोग करने के उद्देश्य से गौशाला के पदाधिकारियों ने गोबर गैस संयंत्र संचालित करने की योजना बनाई है। फिलहाल इसकी रूपरेखा तैयार की गई है। गत दिनों मप्र गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी महामंडलेश्वर अखलेश्वरानंद गिरि महाराज ने गौशाला के नवीन भवन का लोकार्पण कर निरीक्षण किया था। उनके सामने भी कुछ विकास कार्यों के प्रस्ताव रखे गए।

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