क्या आप जानते है, चूहा कैसे बना गणेशजी की सवारी,
Do you know how the rat made Ganesha rides
आप सब तो जानते होंगे की चूहे बहुत शरारती होते है इनका जन्म से ही यह स्वभाव रहा है की यह घरो की वस्तुओ को कुतर-कुतर कर रख देते है चाहे वह कपड़ा हो या और कोई सामान, ये चूहे खाने पीने का समान भी इस तरह उठा के ले जाते है ऐसा लगता है जैसे कोई चोर चोरी करने आया हो, चलो ये बात थी इनके शरारतीपन होने की- अब हम बात करेंगे गणेशजी के वाहन की आपको तो पता ही होगा की गणेशजी का वाहन चूहा है वैसे चूहा शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है लूटना या चुराना.
आप सब तो जानते होंगे की चूहे बहुत शरारती होते है इनका जन्म से ही यह स्वभाव रहा है की यह घरो की वस्तुओ को कुतर-कुतर कर रख देते है चाहे वह कपड़ा हो या और कोई सामान, ये चूहे खाने पीने का समान भी इस तरह उठा के ले जाते है ऐसा लगता है जैसे कोई चोर चोरी करने आया हो, चलो ये बात थी इनके शरारतीपन होने की- अब हम बात करेंगे गणेशजी के वाहन की आपको तो पता ही होगा की गणेशजी का वाहन चूहा है वैसे चूहा शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है लूटना या चुराना.
पौराणिक कथा के अनुसार मूषक गणेशजी का वाहन है – एक बार की बात है जब एक गजमुखासुर नामक एक राक्षस था उसे यह वरदान प्राप्त था की वह किसी अस्त्र-शस्त्र से नहीं मर सकता। इसलिए गजमुखासुर को यह अहंकार हो गया था की उसे कोई नहीं मार सकता. तब उसने अपने अहंकार के चलते इतना उत्पात मचा रखा था की गणेशजी को गजमुखासुर से युद्ध करने के लिए जाना पड़ा.
तब गजमुखा सुर और गणेशजी के बीच युद्ध हुआ था, युद्ध के दौरान जब गणेशजी ने उसे अपने दांत से मारने का प्रयास किया जिससे वह घबरा गया और मूषक का रूप लेकर भागने लगा। तब गणेश जी ने मूषक बने गजमुखासुर को बाँधने के लिए अपना पाश फेका और उनके पाश ने गजमुखासुर को बांधकर गणेश जी के सामने ले आया तब गजमुखासुर गणेश जी से क्षमा मांगने लगा। । और गणेशजी ने गजमुखासुर को जीवनदान देने के रूप में उसे अपना वाहन बना लिया.
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