Story of Shanidev. (क्या है शनिदेव की कहानी)
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कहते हैं एक बार शिंगणापुर गांव में काफी बाढ़ आ गई। पानी इतना बढ़ गया कि सबकुछ डूबने लगा।
लोगों का कहना है कि उस भयंकर बाढ़ के दौरान कोई दैवीय शिला पानी में बह रही थी।
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जब पानी का स्तर कुछ कम हुआ तो एक इसांन ने पेड़ पर एक बड़ा सा पत्थर देखा।
ऐसा अजीबोगरीब पत्थर उसने आज तक नहीं देखा था। उसने लालचवश पत्थर को नीचे उतारा।
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उसे तोड़ने के लिए जैसे ही उसमें कोई नुकीली चीज मारी उस पत्थर में से खून बहने लगा।
यह देखकर वह भागा और गांव वापस लौटकर उसने सबको यह बात बताई।
सभी दोबारा उस जगह पर पहुंचे,
जहां वह पत्थर रखा था।
सभी उसे देखकर भौचक्के रह गए।
लेकिन उनकी समझ में यह नहीं आ रहा था कि आखिरकार इस चमत्कारी पत्थर का क्या करें।
इसलिए अंतत:
उन्होंने गांव वापस लौटकर अगले दिन फिर आने का फैसला किया।
उसी रात गांव के एक शख्स के सपने में भगवान शनि आए
और बोले 'मैं शनि देव हूं, जो पत्थर तुम्हें
आज मिला उसे अपने गांव में लाओ और स्थापित करो'।
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