Hindu Dharam Granth

हिन्दू धर्म ग्रंथो में सप्तऋषियों को सौरमंडल में भी स्थान दिया गया है। रात के समय खुले आसमान में सप्तऋषि तारामंडल आसानी से दिखाई देता है। तो आइये जानते है सप्तऋषि तारामंडल से जुड़ी खास बातें...
सप्तऋषि तारामंडल के विषय में हजारों साल पहले ही धर्म ग्रंथों में बता दिया गया था। हिन्दू धर्म में चार वेद बताए गए हैं ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद।
इन वेदों के लिए मंत्रों की रचना इन सप्तऋषियों ने ही की है। वेदों को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है और इन वेदों में मंत्रों की रचना करने वाले ऋषियों को इस महान योगदान के लिए सप्तऋषि तारामंडल में स्थान दिया गया है। ये उत्तर दिशा में दिखाई देता है।
सप्तऋषियों के नाम इस प्रकार हैं... 1. वशिष्ठ, 2. विश्वामित्र, 3. कण्व, 4. भारद्वाज, 5. अत्रि, 6. वामदेव और 7. शौनक।
पुराने समय में जब दिशा बताने वाले यंत्र नहीं थे, तब समुद्र यात्रा के समय दिन में तो सूर्य को देखकर दिशा का ज्ञान हो जाता था, लेकिन रात में ध्रुव तारे को और सप्तऋषि तारामंडल को देखकर दिशा का ज्ञान होता था। ये उत्तर दिशा में दिखाई देते हैं

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