वाल्मीकि रामायण – किसी के भी जीवन को बर्बाद कर सकते हैं ये 3 काम
वाल्मीकि रामायण भगवान राम के जीवन पर आधारित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें ज्ञान और धर्म की कई बातें बताई गई हैं।अच्छा होना या बनना बहुत ही कठिन कार्य है। व्यक्ति को नकारात्मक बातें फ्री में मिलती है और वह भी चारों ओर से। बचपन से लेकर आज तक आपने बुराइयों को देखा और हो सकता है कि आप बुराइयों में इन्वॉल्व भी रहे होंगे। आपको मालूम है कि आपको कोई देखने और सुनने वाला नहीं है लेकिन यह आपकी बहुत बड़ी भूल है। लालच, मजा और स्वार्थ के लिए व्यक्ति हर वह कार्य करने के लिए तैयार रहता है जो उसने कभी जिंदगी में नहीं किए होंगे। कुछ लोग यह सोचते हैं कि हम तो बुराइयों से दूर रहते हैं लेकिन मौका मिलते पर वे भी हाथ साफ करने में चुकते नहीं हैं। आपने यदि जीवन में 100 पुण्य कर्म किए होंगे तो वह एक ही बार के पाप करने से नष्ट हो सकते हैं। व्यक्ति कई बार ऐसे काम कर लेता है जिससे उसके सारे पुण्य खत्म हो जाते हैं। वाल्मीकि रामायण में ऐसे ही तीन कामों के बारे में बताया गया है कि जिससे व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है।
1. दूसरों का धन चुराना
जो मनुष्य दूसरों की वस्तु हड़पने या चुराने का प्रयास करता है, वह महापापी माना जाता है। किसी और की वस्तु को छल से पाने या चुराने से मनुष्य के जीवन के सभी पुण्यकर्म नष्ट हो जाते हैं। चोरी की हुई वस्तु से कभी भी लाभ नहीं मिलता, बल्कि उसकी वजह से नुकसान का ही सामना करना पड़ता है। चोरी करने वाले मनुष्य या ऐसे काम में साथ देने वाले मनुष्य को तामिस्र नामक नरक में दुःख भोगना पड़ते हैं। यह काम किसी के भी जीवन को बड़ी ही आसानी से बर्बाद कर सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
2. पराई स्त्री के साथ संबंdh बनाना
कई लोग पराई स्त्रियों पर बुरी नजर डालते हैं। ऐसी परिस्थिति में सही-गलत का निर्णय नहीं कर पाते और पराई स्त्री के साथ संबंdh बना लेते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे पाप कहा गया है। ग्रंथों के अनुसार, इस पाप का प्रायश्चित किसी भी तरह संभव नहीं होता। जो भी मनुष्य ऐसा काम करता है, उसे इसके बुरे परिणाम आज नहीं तो कल झेलना ही पड़ते हैं। पराई स्त्री के साथ सम करने वाले मनुष्य के को जयंती नामक नरक में उनके पापों की सजा मिलती है। इसलिए हर किसी को इस पाप कर्म से दूर रहना चाहिए।
3. अपने हितैषियों के साथ धोखा करना
हमारे कई दोस्त या परिवारजन होते हैं, जो हम पर सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं। ऐसे लोगो के साथ धोखा करना या उनका भरोसा तोड़ना भी किसी पाप से कम नहीं है। अपने हितैषियों का विश्वास तोड़कर हम कुछ समय के लिए लाभ जरूर पा सकते हैं, लेकिन आगे चलकर इसका फल भोगना ही पड़ता है। ऐसा करने पर भगवान भी हम से रूठ जाते हैं और इस काम के फलस्वरूप हमें कई परेशानियों और दुखों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए किसी भी लालच में आकर हमारे अपनों का विश्वास नहीं तोड़ना चाहिए।
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