महाभारत की कुछ अनसुनी कहानियाँ, जो आपने कभी नहीं सुनी होगी
महाभारत की कुछ अनसुनी कहानियाँ, जो आपने कभी नहीं सुनी होगी
महाभारत की कहानियाँ हम बचपन से सुनते आ रहे है. फिर भी बहुत कुछ है जो हम नहीं जानते यहाँ पढ़िए कुछ अनसुनी और दिलचप्स कहानियाँ।
1. महाभारत में शकुनि की भूमिका -ध्रतराष्ट्र का विवाह गांधार देश की गांधारी के साथ हुआ था। गांधारी की कुंडली में दोष होने की वजह से एक साधु के कहे अनुसार उसका विवाह पहले एक बकरे के साथ किया गया था।
बाद में उस बकरे की बलि दे दी गयी थी यह बात गांधारी के विवाह के समय छुपाई गई थी. जब ध्रतराष्ट्र को इस बात चला तो उसने गांधार नरेस सुबाला और उसके 100 पुत्रों को कारावास में दाल दिया और काफी यातनाये दी।
बाद में उस बकरे की बलि दे दी गयी थी यह बात गांधारी के विवाह के समय छुपाई गई थी. जब ध्रतराष्ट्र को इस बात चला तो उसने गांधार नरेस सुबाला और उसके 100 पुत्रों को कारावास में दाल दिया और काफी यातनाये दी।
2. महाभारत में शकुनि की भूमिका - एक एक करके सुबाला के सभी पुत्र मरने लगे उन्हें खाने के लिए सिर्फ मुठी भर चावल दिए जाते थे. सुबाला ने अपने सबसे छोटे बेटे शकुनि को प्रतिशोध के लिए तैयार किया। सब लोग अपने हिस्से के चावल शकुनि को देते थे ताकि वह जीवित रहे कर कौरवों का नाश कर सके। मर्त्यु से पहले सुबाला ने ध्रतराष्ट्र से शकुनि को छोड़ने की विनती की जो ध्रतराष्ट्र ने मान ली सुबाला ने शकुनि को अपनी रीड की हड्डी बनाने का कहा. और वहीं पासे कौरव वंस के नास का कारण बने।
3.शकुनि ने हस्तिनापुर में सबका विश्वास जीता और 100 कौरवों का अभिभावक बना। उसने ना केवल दुर्योधन को युधिष्ठिर के खिलाफ भड़काया बल्कि महाभारत के युद्ध महाभारत के युद्ध का आधार भी बनाया।
4.द्रौपदी का पिछला जन्म - द्रौपदी अपने पिछले जन्म में इंदर -सेना नाम के ऋषि की पत्नी थी उसके पति का देहांत जल्दी ही हो गया था। अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए उसने भगवान शिव से प्राथना की। जब शिव उसके सामने प्रकट हुए तो वह घबरा गई और उसने पांच बार अपने लिए वर मांगा। भगवान शिव ने अगले जन्म में उसे पांच पीटीआई दिए
5. धृतराष्ट्र अपने पिछले जन्म में बहुत दुष्ट राजा था. एक दिन उसने देखा की एक हंस अपने बच्चो के साथ नदी में आराम से विचरण कर रहा था। तो उसने आदेश दिया की उस हंस की आँखे फोड़दी जाये और उसके बच्चों को मर दिया जाये। इसीलिए वह अगले जन्म में अंधा पैदा हुआ और उसी के पुत्र भी उसी तरह म्रत्यु को प्राप्त हुए जैसे उस हंस के।
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