हैरतअंगेज है भारत के यह 14 मंदिर और तीर्थ स्थान
भारतीय पौराणिक
कथाओं में
देखा जाए
तो हमारे
धार्मिक ग्रंथों
के अनुसार
भारत में
33 करोड़ से
ज़्यादा देवी-देवताओं की
पूजा की
जाती है.
पूरे देश
में लोग
अलग-अलग
देवी-देवताओं
की पूजा
करते हैं
और इन्हीं
के बीच
लोग कुछ
ऐसे देवताओं
की भी
पूजा करते
हैं जो
हमे बाकी
भगवानों और
देवताओं से
अलग लगते
हैं. आइये
हम आपको
इन अनोखे
मंदिरो के
बारे में
जानकारी देते
है.
1. चाइनीज काली
मंदिर, कोलकाता
: कोलकाता के
टांगरा में
ये 60 साल पुराना चाइनीज
काली मंदिर
स्थित है.
इस मंदिर
की एक
ख़ास बात
ये है
कि दुर्गा
पूजा के
दौरान प्रवासी
चीनी लोग
इस मंदिर
में दर्शन
करने आते
हैं. इस
मंदिर की
एक दिलचस्प
बात ये
है कि
यहां आने
वाले मां
के भक्तों
को प्रशाद
में नूडल,
चावल और
सब्जियों से
बनी तरी
परोसी जाती
है.
2. स्तंभेशवर महादेव,
गुजरात : गुजरात में
वडोदरा से
85 किमी दूर
स्थित जंबूसर
तहसील के
कावी-कंबोई
गांव का
यह मंदिर
अलग ही
विशेषता रखता
है. यह
मंदिर दिन
में दो
बार सुबह
और शाम
को पल
भर के
लिए ओझल
हो जाता
है और
कुछ देर
बाद उसी
जगह पर
वापस भी
आ जाता
है. ऐसा
ज्वारभाटा उठने
के कारण
होता है.
इसके चलते
आप मंदिर
के शिवलिंग
के दर्शन
तभी कर
सकते हैं,
जब समुद्र
में ज्वार
कम हो.
है न
हैरान कर
देने वाला
मंदिर.
3. काल भैरव नाथ
मंदिर, वाराणसी
: इस मंदिर
की सबसे
बड़ी विशेषता
यह है
की यहाँ
पर भगवान
काल भैरव
को मदिरा
प्रसाद के
रूप में
चढ़ाई जाती
है और
साथ ही
यहां भक्तों
को प्रसाद
में भी
मदिरा दी
जाती है.
4. डूबा हुआ
शिव मंदिर,
वाराणसी : सिंधिया घाट
जिसे शिन्दे
घाट भी
कहते हैं,
वाराणसी में
मणिकर्णिका घाट
के उत्तरी
ओर लगा
हुआ है.
इस घाट
से लगा
हुआ शिव
मंदिर जिसकी
खासियत यह
है कि
यह आंशिक
रूप से
गंगा नदी
के जल
में डूबा
हुआ है.
5. मां ज्वाला जी,
हिमाचल प्रदेश
: ज्वाला रूप
में माता,
ज्वालादेवी मंदिर
में सदियों
से बिना
तेल बाती
के प्राकृतिक
रूप से
नौ ज्वालाएं
कई दशकों
से जल
रही हैं.
कहा जाता
है कि
ये पावन
जोतियां भक्तों
की मनोकमनाएं
पूरी करती
है.
6. ततवानी मंदिर,
हिमाचल प्रदेश
: धर्मशाला से
करीब 25 किलोमीटर की
दूरी पर
स्थित इस
मंदिर को
गर्म पानी
के झरनों
का घर
माना जाता
है. इस
मंदिर के
बाहर गर्म
पानी का
एक प्राकृतिक
झरना है.
ऐसा माना
जाता है
कि जो
भी इस
गर्म पानी
में नहाता
है उसके
सारे रोग
मिट जाते
हैं.
7. बुलेट बाबा
मंदिर, राजस्थान
: राजस्थान के
जोधपुर-पाली
हाईवे नंबर
65 पर स्थित
इस मंदिर
में ओम
बन्ना की
मोटरसाइकिल रखी
है चोटिला
गांव के
निवासी ओम
सिंह राठौड़
का इस
मार्ग पर
2 दिसंबर 1988 को एक सड़क
दुर्घटना में
निधन हो
गया था.
मंदिर की
खासियत है
कि इसमें
ओम बन्ना
की मोटरसाइकिल
की पूजा
की जाती
है उनकी
बाइक थाने
में रख
दी गई
थी, जो
वापस दुर्घटना
स्थल पर
पहुंच गई.
बाद में
यहां उनका
मंदिर बना
दिया गया.
ओम बन्ना
शेखावाटी सहित
पाली, जोधपुर,
जैसलमेर में
सड़क सुरक्षा
के देवता
की तरह
पूजे जाते
हैं.
8. खबीस बाबा
मंदिर, उत्तर
प्रदेश : उत्तरप्रदेश के
सीतापुर जिले
के खबीस
बाबा मंदिर
में श्रद्धालु
भगवान को
शराब चढ़ाते
हैं और
फिर वही
शराब प्रसाद
के तौर
पर भक्तों
के बीच
बांट दी
जाती है.
9. हडिम्बाक मंदिर,
हिमाचल प्रदेश
: यह मंदिर
मनाली में
सबसे फेमस
जगह है.
यह मंदिर
एक गुफा
में बना
हुआ है
जो देवी
हिडम्बाह को
समर्पित है.
देवी हिडम्बा
, हिडम्बक की
बहन थी.
यह मंदिर
हिमालय की
तलहटी पर
स्थित है
जिसके आसपास
हरियाली है
और सिडार
के जंगल
हैं. इस
मंदिर का
निर्माण 1553 ई. में एक
पत्थीर में
किया गया
था.
10. करणीमाता का
मंदिर, राजस्थान
: करणीमाता का
मंदिर राजस्थान
राज्य के
ऐतिहासिक नगर
बीकानेर से
लगभग 30 किलोमीटर दूर
जोधपुर रोड
पर गांव
देशनोक की
सीमा में
स्थित है.
करणी देवी
साक्षात मां
जगदम्बा की
अवतार थीं.
मंदिर में
हजारों चूहे
निडर हो
कर घूमते
रहते हैं.
यहां चूहो
की पूजा
की जाती
है और
उन्हें दूध,
अनाज एवं
मिठाई चढ़ाई
जाती है.
11. सोनिया गांधी
मंदिर, तेलंगाना
: तेलंगाना के
अलग राज्य
बनने के
बाद क्षेत्र
के कुछ
कांग्रेसी नेताओं
ने उनके
लिए एक
मंदिर बनवा
दिया. मूर्ति
की खासियत
ये है
कि इसका
चेहरा तो
सोनिया गांधी
के जैसा
है, मगर
बाकी शरीर
तेलंगाना देवी
की तर्ज
पर बनाया
गया है
ताकि लोग
इनकी पूजा
भी कर
सकें.
12. भारत माता
मंदिर, वाराणसी
: यह अपने
ढंग का
अनोखा मंन्दिर
है. यह
मंदिर केवल
‘भारत माता’ को
समर्पित है.
भारत माता
मंदिर का
निर्माण बाबू
शिवप्रसाद गुप्त
द्वारा करवाया
गया था,
जबकि इसका
उद्घाटन वर्ष
1936 में राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी
द्वारा हुआ
था. मंदिर
में किसी
देवी-देवता
की मूर्ति
स्थापित नहीं
है. केवल
भारत का
भू मानचित्र
है, जो
संगमरमर के
टुकड़ो पर
उकेरा गया
है.
13. सचिन तेंदुलकर
मंदिर, बिहार
: भोजपुरी अभिनेता
मनोज कुमार
तिवारी सचिन
ने बिहार
के कैमूर
जिले के
अतरवलिया गांव
में तेंदुलकर
के मंदिर
का निर्माण
करवाया है.
इस मंदिर
में तेंदुलकर
की मूर्ति
के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट
टीम के
वर्तमान कप्तान
महेंद्र सिंह
धोनी और
युवराज सिंह
की भी
मूर्ति स्थापित
की जाएगी.
14. चिलकुर बालाजी
मंदिर, हैदराबाद
: श्री वेंकटेश्वर
स्वामी को
समर्पित यह
मंदिर मेहंदीपटनम
से 23 कि.मी. दूर
है. इसे
वीसा-बालाजी
भी कहते
हैं, क्योंकि
लोगों की
यह मान्यता
है, कि
अमरीकी वीज़ा
का इंटरव्यू
इनकी कृपा
से सकारात्मक
परिणाम देता
है.
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