दीपावली से एक दिन पहले जपें यह मंत्र, बनने लगेंगे धन प्राप्ति के योग
धनी या
निर्धन
होना
सब
भाग्य
पर
निर्भर
करता
लेकिन
कुछ
खास
तरीकों
को
अपनाकर
भी
धनी
योग
बन
सकते
हैं।
ऐसे
योगों
को
बुलाता
है
सिद्धिदायक
शाबर
मंत्र।
सिद्धिदायक शाबर
मंत्रों
की
रचना
गुरु
गोरखनाथ
आदि
योगियों
ने
की
थी।
इन
मन्त्रों
में
प्रत्येक
देवता
तथा
हर
प्रकार
के
उद्देश्यों
की
पूर्ति
के
लिए
मंत्र
दिये
गये
हैं।
इनमें
लक्ष्मी
प्राप्ति
मंत्र
भी
सम्मिलित
हैं।
आधुनिक परिवेश में इन मंत्रों को
सिद्ध करना सरल है तथा इसमें
विपरीत प्रभाव होने की सम्भावनाएं भी
कम रहती हैं परन्तु इस प्रकार के
लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र दुर्लभ हैं। लक्ष्मी की प्राप्ति के
लिए ‘जाल शम्बरम्’ से चुने हुए
कुछ शाबर मंत्र एवं उनके प्रयोग की विधि यहां
प्रस्तुत हैं।
विष्णुप्रिया लक्ष्मी,
शिवप्रिया सती से प्रकट हुई
कामेक्षा भगवती आदि शक्ति युगल मूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर
जाने संसार, दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा व्यय
घटा, दया कर माई। ऊँ
नमः विष्णुप्रियाय, ऊँ नमः शिवप्रियाय,
ऊँ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा। प्रयोग विधि- धूप-दीप से पूजन और
नैवेद्य अर्पित करके इस मंत्र का
सवा लाख जप करें, लक्ष्मी
का आगमन व चमत्कार प्रत्यक्ष
दिखाई देगा। प्रत्येक कार्य सफल होगा, लक्ष्मी की कृपा बनी
रहेगी।
श्री शुक्ले
महाशुक्ले,
महाशुक्ले कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः। लक्ष्मी माई सबकी सवाई
, आओ चेतो करो
भलाई, ना करो तो
सात समुद्रों की दुहाई, ऋद्धि
नाथ देवों नौ नाथ चैरासी
सिद्धों की दुहाई। इस
मंत्र का एक माला
जप नियमित रूप से करें, कारोबार
में उन्नति होगी। जप के बाद
दुकान पर चारों दिशाओं
को नमस्कार करके धूप-दीप देकर फिर लेन-देन करें, धन लाभ होगा।
ऊँ क्रीं
श्रीं
चामुंडा
सिंहवाहिनी कोई हस्ती भगवती रत्नमंडित सोनन की माल, उत्तर
पथ में आप बैठी हाथ
सिद्ध वाचा, सिद्धि धन धान्य कुरु-कुरु स्वाहा। दुर्गा के उपासक लक्ष्मी
प्राप्ति के इस मंत्र
का सवा लाख जप करें, सभी
कार्य सिद्ध होंगे और राजे गार
तथा लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
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