शनि सम्बंधित समस्याओं के लिए शनिवार को करे ये विशेष उपाए

शनि की किसी भी तरह के अनिश्चितता के निवारण के लिए शनिवार के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले जागकर शौच  आदि से निवृत होकर नृत्य पूजा पाठ के बाद सूर्योदय  से 1 घंटे के भीतर हनुमान जी की तस्वीर के सामने बैठकर ''हनुमान चालीसा"' अथवा  बजरंग बाण के 108 पाठ करें तथा इस दिन उपवास रखें 101 पाठ पूर्ण होने पर शनि के अनिष्ट परिणामों से मुक्ति हेतु हनुमान जी से प्रार्थना करें हनुमान जी को चूरमे   के लड्डू का भोग लगाएं यह एक प्रकार का विशेष अनुष्ठान है 101 पाठ   शनिवार के दिन करने होते हैं यह ध्यान में रखना अति आवश्यक  है|

यदि अनिष्ट शनि लग्र  में बैठा हो तो जातक के मकान का द्वार पश्चिम दिशा में रहता है ऐसे जातक की उम्र के 36 42 47 48 वर्ष कष्टकारक रहते हैं ऐसे व्यक्ति कहा विद्या अध्ययन अधूरा रहता है तथा पाचन की शिकायत भी रहती है ऐसे जातक सुरमा  लाकर जमीन में गाड़ देI सुरमा  एवं बड़ की जड़ दूध में उबालकर उसका गंधक कपाल पर लगाएं | ऐसा करने से आर्थिक शारीरिक एवं अन्य मुसीबतें दूर होती हैं |

शनि रत्न नीलम,  नीलमणि  में से कोई भी रत्न शनिवार के दिन धारण करें रत्न धारण करने से पहले ओम शनैश्चराय नमः मंत्र को 108 बार पढ़कर शुद्ध पानी एवं गंगाजल से रत्न जड़ित अंगूठी को नहलाया और फिर प्राण प्रतिष्ठित करवा कर धारण करें अंगूठी सोना लोहा पंचधातु में से किसी एक में जड़वां लेनी चाहिए

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