आजकल सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड बहुत तेजी से चल पड़ा है , *~ रावण के बखान ~*
वो एक प्रकांड पंडित था ! जी हाँ था !
उसने माता सीता को कभी छुआ नहीं ! ठीक
अपनी बहन के अपमान के लिये ...
*पूरा कुल दाँव पर लगा दिया !*
जी हाँ ! ... ये भी ठीक !
*पूरा कुल दाँव पर लगा दिया !*
जी हाँ ! ... ये भी ठीक !
अरे भाई ! माता सीता को नहीं छूने का
कारण उसकी भलमनसाहत नहीं , बल्कि
कुबेर के पुत्र “नलकुबेर” द्वारा दिया गया
श्राप था. कि यदि किसी स्त्री को
उसकी इच्छा विरुद्ध छुआ , तो
*उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जायेंगे !*
कारण उसकी भलमनसाहत नहीं , बल्कि
कुबेर के पुत्र “नलकुबेर” द्वारा दिया गया
श्राप था. कि यदि किसी स्त्री को
उसकी इच्छा विरुद्ध छुआ , तो
*उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जायेंगे !*
कभी लोग ये कहानी सुनाने बैठ जाते हैं कि
एक माँ अपनी बेटी से ये पूछती है कि
तुम्हें कैसा भाई चाहिये ?
बेटी का जवाब होता है ~ रावण जैसा !
जो अपनी बहन के अपमान का बदला
लेने के लिये सर्वस्व न्यौछावर कर दे !
एक माँ अपनी बेटी से ये पूछती है कि
तुम्हें कैसा भाई चाहिये ?
बेटी का जवाब होता है ~ रावण जैसा !
जो अपनी बहन के अपमान का बदला
लेने के लिये सर्वस्व न्यौछावर कर दे !
भद्रजनों ! ऐसा नहीं है.
रावण की बहन सूर्पणखां के पति का नाम
विद्युतजिव्ह था , जो राजा कालकेय का
सेनापति था ! जब रावण तीनो लोकों पर
विजय प्राप्त करने निकला तो उसका युद्ध
कालकेय से भी हुआ , जिसमें उसने
विद्युतजिव्ह का वध कर दिया , तब
सूर्पणखा ने अपने ही भाई को श्राप दिया कि,
*तेरे सर्वनाश का कारण मैं बनूँगी !!*
रावण की बहन सूर्पणखां के पति का नाम
विद्युतजिव्ह था , जो राजा कालकेय का
सेनापति था ! जब रावण तीनो लोकों पर
विजय प्राप्त करने निकला तो उसका युद्ध
कालकेय से भी हुआ , जिसमें उसने
विद्युतजिव्ह का वध कर दिया , तब
सूर्पणखा ने अपने ही भाई को श्राप दिया कि,
*तेरे सर्वनाश का कारण मैं बनूँगी !!*
कोई कहता है कि रावण अजेय था !
जी नहीं.. प्रभु श्रीराम के अलावा उसे
राजा बलि, वानर राज बाली , महिष्मति
के राजा कार्तवीर्य अर्जुन और स्वयं
*भगवान शिव ने भी हराया था..!!*
जी नहीं.. प्रभु श्रीराम के अलावा उसे
राजा बलि, वानर राज बाली , महिष्मति
के राजा कार्तवीर्य अर्जुन और स्वयं
*भगवान शिव ने भी हराया था..!!*
रावण विद्वान अवश्य था, लेकिन जो व्यक्ति
अपने ज्ञान को यथार्थ जीवन में लागू ना करे ,
*वो ज्ञान विनाशकारी होता है !*
अपने ज्ञान को यथार्थ जीवन में लागू ना करे ,
*वो ज्ञान विनाशकारी होता है !*
रावण ने अनेक ऋषि मुनियों का वध किया,
अनेक यज्ञ ध्वंस किये, ना जाने कितनी
स्त्रियों का अपहरण किया !
यहाँ तक कि .. स्वर्ग लोक की अप्सरा
'रंभा' को भी नहीं छोड़ा..!!
अनेक यज्ञ ध्वंस किये, ना जाने कितनी
स्त्रियों का अपहरण किया !
यहाँ तक कि .. स्वर्ग लोक की अप्सरा
'रंभा' को भी नहीं छोड़ा..!!
एक गरीब ब्राह्मणी 'वेदवती' के रूप से
प्रभावित होकर जब वो उसे बालों से
घसीट कर ले जाने लगा तो वेदवती ने
आत्मदाह कर लिया , और वो उसे
श्राप दे गई कि ~ तेरा विनाश
*एक स्त्री के कारण ही होगा..!!!*
प्रभावित होकर जब वो उसे बालों से
घसीट कर ले जाने लगा तो वेदवती ने
आत्मदाह कर लिया , और वो उसे
श्राप दे गई कि ~ तेरा विनाश
*एक स्त्री के कारण ही होगा..!!!*
जरुरी है ~
*अपने हृदय में राम को जिन्दा रखना !*
क्योंकि ... सिर्फ पुतले जलाने से ...
रावण नहीं मरा करते !
*अपने हृदय में राम को जिन्दा रखना !*
क्योंकि ... सिर्फ पुतले जलाने से ...
रावण नहीं मरा करते !
*अन्य धर्मो द्वारा फैलाई गई ...*
*बातों पर न जायें !*
*अपने धर्म पर अटल भरोसा रखें !*
*बातों पर न जायें !*
*अपने धर्म पर अटल भरोसा रखें !*
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