केले के वृक्ष की पूजा इस प्रकार करे, जिससे भगवान सत्यनारायण होंगे खुश !!!

सत्यनारायण भगवान की पूजा हो या  दिवाली पूजन आपने गौर किया होगा, कि हर पूजा में पूजन सामग्री के रूप में केला जरूर रखा जाता है एक मान्यता के अनुसार केला सत्यनारायण भगवान का प्रसाद होता है इसलिए केला कभी खराब नहीं होता था लेकिन इन पौराणिक धारणाओं से अलग क्या आपने कभी सोचा है कि केले को शुभ
मानकर हर पूजा में शामिल क्यों किया जाता है केले के वृक्ष में देव गुरु बृहस्पति का वास होता है शास्त्रों के अनुसार सात गुरुवार को नियमित रूप से केले की पूजा करने से मनोकामना पूरी हो जाती है भगवान विष्णु का भी होता है वास। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि केले के वृक्ष में भगवन विष्णु निवास करते हैं गुरुवार के दिन इसलिए केले के वृक्ष की पूजा की जाती है। माना जाता है कि अगर केले के वृक्ष की पूजा विधि विधान और श्रद्धा के साथ की जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख समृद्धि और शांति का वर प्राप्त  होता है केले के वृक्ष को शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार केले की पूजा करने से गुरु दहश भी समाप्त हो जाता है घर में केले कि पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। कुछ जगह पर घर में यानी घर के अंदर केले का पौधा नहीं रखना चाहिए माना जाता है कि ग्रह स्वामी के उत्थान में बाधक होता है इसे आंगन में लगाने का विधान है इसकी पूजा विधि विधान से करना चाहिए।
ऐसे करें केले के वृक्ष की पूजा 
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मौन पालन कर स्नान करें और केले के वृक्ष को प्रणाम कर जल चढ़ा है इसके बाद हल्दी की गांठ चने की दाल और गुड़ समर्पित करें अक्षत पुष्प चढ़ाए और परिक्रमा करें इस बात का ध्यान रखे कि घर के आंगन को छोड़ कर  बाहर की जगह पर  लगे  केले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने से भगवान विष्णु  प्रसन्न होते हैं जिससे आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। तो यह था महत्व केले का। 

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