जानिए भगवान् विष्णु नीले रंग में ही क्यों दिखाए देते है !!!
पुरानी कथाओं में हिंदू देवी देवताओं के अवतार के बारे में विवरण मिलता है जिनमें उनके द्वारा धारण किए गए वस्त्रों, प्रतीकों और अलंकारो के बारे में बताया गया है। जैसे भगवान शिव के बारे में उनके नीले कंठ से जुड़ी हुई है समुंद्र मंथन की एक कहानी मिलती है।
उसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण को बांसुरी के ऊपर है इसका रहस्य भी पुरानी कहानियों में बताया गया है। इसी प्रकार आप ने भगवान विष्णु के ऐसे कई चित्र देखे होंगे, जिनमें उनका रंग नीला दिखाया गया है। बहुत कम लोग भगवान विष्णु के इस नीले रंग के रहस्य को जानते हैं।
वास्तव में भगवान विष्णु का ये नीला रंग जीवन के प्रति हमे एक नजरिया भी देता है। जीवन के इस रहस्य को समझ कर हम स्वयं में ये गुण उतार सकते है। नीला रंग आकाश का प्रतीक है यानि जिस प्रकार आकाश अपरिभाषित है उसी प्रकार भगवान विष्णु भी अपरिभाषित है।
आकाश की तरह ही बहुत विशाल है। जीवन में नीला रंग हर परिस्थिति में विशाल होने का सूचक है। नीला रंग समुंद्र और जल का भी होता है। भगवान विष्णु समुन्द्र में देवी लक्ष्मी के साथ निवास करते हैं। इस कारन भी उनका नीला रंग है।
नीले रंग से जीवन के प्रति यह नजरिया मिलता है कि जिस तरह पानी में हर चीज को स्वयं में घोल कर भी अपना अस्तित्व जीवित रखता है उसी प्रकार हमे भी जीवन के प्रतेक रंग या परिस्तिथि को खुद में सम्माहित करके सामंजस्य बिठाकर चलना चाहिए।
पुराणिक कहानियों के अनुसार ये भी माना जाता है कि समुंद्र के भीतर, जलचरों के साथ निवास करने के कारन भी भगवान विष्णु ने समुन्द्र का नीला रंग स्वयम में धारण कर लिया था।
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