जानिए घर में मंदिर बनाते समय किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए !!

दोस्तों  नियमित रूप से घर के मंदिर में पूजा करने पर शुभ फल मिलते हैं और वातावरण पवित्र रहता है। जिससे महालक्ष्मी सहित सभी दैवीय शक्तियां घर पर अपनी कृपा बरसाती है। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं। जो घर के मंदिर से जुड़ी है। 


 www.jaimaaambe.com

गरुड़ पुराण के अनुसार घर के मंदिर के आस पास शौचालय नहीं होना चाहिए। इसकी वजह से घर में दोष बढ़ते हैं। इसीलिए घर बनवाते समय ऐसे स्थान पर पूजा कक्ष ना बनवाएं, जहां आस-पास शौचालय हो। जिन लोगों के घर में मंदिर के पास बाथरूम है। उन्हें मंदिर की जगह बदल देनी चाहिए। 



अगर यह संभव ना हो तो बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद   रखना चाहिए और उस पर पर्दा भी लगाना चाहिए। ध्यान रखें पर्दा थोड़े थोड़े दिनों में धोते रहना चाहिए। परदा गंदा न होने पाए। ऐसा करने से दोष कम हो जाते हैं। इस बात का ध्यान रखने पर नकारात्मकता बढ़ती है और दरिद्रता घर की ओर आकर्षित होती है। 

देवी देवता हमारे घर में वास नहीं करते। इस कारण गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। घर में मंदिर ऐसे स्थान पर बनाना चाहिए जहां दिन भर में कभी भी कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी अवश्य पहुंचती हो। जिन घरो  में सूर्य की रोशनी और ताजी हवा आती रहती है उन घरों  के कई दोष शांत रहते हैं। 


सूर्य की रोशनी से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। और सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है। घर में पूजा करने वाले व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होगा तो बहुत शुभ रहता है। इसके लिए पूजा स्थल का द्वार पूर्व की ओर होना चाहिए। 


यदि यह संभव ना हो तो पूजा करते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में होगा तभी श्रेष्ठ फल प्राप्त होगा। घर में जिस स्थान पर मंदिर है वहां चमड़े से बनी चीजें जूते चप्पल नहीं ले  जाने चाहिए। मंदिर में मृतकों और पूर्वजों के चित्र भी नहीं लगाने चाहिए। 


पूर्वजों के चित्र लगाने के लिए दक्षिण दिशा श्रेष्ठ मानी जाती है। घर में दक्षिण दिशा की दीवार पर मृतकों के चित्र लगाए जा सकते हैं। लेकिन मंदिर में नहीं लगाने चाहिए। पूजन कक्ष में पूजा से संबंधित सामग्री ही रखनी चाहिए त्तथा अन्य कोई वस्तु रखने से बचना चाहिए। 

No comments

Powered by Blogger.