जानिए नागमणि होती है या नही, भारत का एक अनसुलझा हुआ रहस्य !!!

नागमणि को भगवान शेषनाग धारण करते हैं। भारतीय पौराणिक और लोक कथाओं में नागमणि के किस्से आम लोगों के बीच प्रचलित है। नागमणि सिर्फ नागो   के पास ही होती है। नाग इसे  अपने पास इसलिए रखते हैं ताकि उसकी रोशनी के आसपास इकट्ठे हो गए कीड़े मकोड़ों को वह खाता रहे।

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हालांकि इसके अलावा भी नागों  द्वारा मनी को रखने के और भी कारण है। नागमणि का रहस्य आज भी अनसुलझा है। आम जनता में ये बात  प्रचलित है कि कई लोगों ने ऐसे नाग देखे हैं जिसके सिर पर मणि थी। हालांकि पुराणों में ऐसे कई किस्से  है।


भगवान कृष्ण का भी इस तरह के  नाग  से सामना हुआ था। सर्प मणि जिसे नागमणि भी कहते हैं। यह  विशेषण नाग के सिर पर स्तिथ  होती है। ज्योतिष शास्त्र के प्रमुख ग्रंथ बृहद संहिता में जो उल्लेख मिलता है। उसके अनुसार संसार में मणि धारी नाग मौजूद है।

क्योंकि ऐसे नागों का मिलन दुर्लभ होता है। इसलिए कहा जाता है मणि धारी नाग नहीं होते। अब सच  जो भी हो लेकिन वृहत्संहिता में नागमणि के बारे में कई रोचक बातें बताई गई हैं। जो इस बात को सोचने पर विवश करता है कि क्या वास्तव में नागमणि होता है।

बृहत् संहिता में नागमणि के बारे में कई बातें बताए गए हैं। पहली बार है नागमणि में इतनी चमक होती है की जहा ये होती है वहां आसपास तेज रोशनी फैलती है।


दूसरी है नागमणि अन्य मणियों से अधिक प्रभावशाली और अलोकिक होती है। नागमणि मोर के कंठ के सामान और अग्नि  के समान चमकीली होती है। तीन यह  मनी जिसके पास होती है उस पर विश का प्रभाव नहीं होता। यह रोग से मुक्त होते हैं।


चौथा वराह मिहिर बताते हैं कि जिस राजा के पास ये मनी होती है वे  शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाले होते हैं।
और पांचवी बात है उनके राज्य में समय से वर्षा होती है और प्रजा खुशहाल होती है। वराह मिहिर इस तरह की बात इसलिए लिखते हैं कि उन दिनों राजे महाराजे हुआ करते थे। तो यह थी नागमणि से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण बातें। 

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